माँ ब्रम्हचारिणी अर्थात भगवान शिव की पत्नी पार्वती माता को कहते हैं । जब पर्वत राज हिमालय की पुत्री पार्वती जी ने भगवान शंकर को पाने कठोरतम तप किया तो उनके तपस्वी रूपको मा ब्रम्हचारिणी का नाम दिया गया
माँ ब्रम्हचारिणी को दूध, दही, शक्कर इत्यादि से बने भोग पसन्द आते हैं। माता रानी को पीले वस्त्र पसन्द हैं साथ ही सम्भव हो तो पीले वस्त्र पहन कर माँ की पूजा करनी चाहिए माँ ब्रम्हचारिणी तप और आध्यात्मिक भावना की देवी हैं अतः इनके तपस्वी, सौम्य छवि की पूजा मन को शांति और आध्यात्मिक शक्तिदायक होती है।
दूसरा माँ ब्रम्हचारणी का रहता है उस दिन माँ को पीली चुनरी चढ़ती है और लम्बी उम्र की कामना के लिये दूध से बनी मिठाई चढ़ाते है; शक्कर मिश्री चढाते है।
*तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ 1लाल सिंह सवार बनकर
रंगो की फुहार बनकर
पुष्पो की बहार बनकर
सुहागनका श्रृंगार बनकर
तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ
.खुशियों अपार बनकर
बच्चों का दुलार बनकर
समाज में संस्कार बनकर ।तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ
.रसोई मे प्रसाद मेला
व्यापार मे लाभ बनकर
घर आशीर्वाद बनकर
मुंह मांगी मुराद बनकर
तुम्हारा सवागत है मां
तुम जाओ संसार में उजाला बनकर। अमृत रस का प्याला
परिजातकी माला बनकर
भूखों का निवाला बनकर
तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ
.शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी बनकर
चंद्र घंटा, कुष्मांडा बनकर सकंदमाता,
कात्यायनी बनकर कालरात्रि
, महगौरी बनकर
माता सिद्धिदात्री
तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ।
तुम्हारे आने से नव
निधियां सवयं ही चली आयेगी
तुम्हारी दास बनकर
तुम्हारा सवागत है मां तुम आओ
श्रीमती चित्रा पाठक
सीताफल मिल्क शेक
सामग्री
सीता फल २,
शुगर फ्री पावडर या शक्कर , स्वादनुसार
8, 10 काजू पीसे हुए
8, 10 बादाम पिसे हुए
'1/2 लिटर दुध ,
थोड़े कटे बादाम और काजू
विधी
सबसे पहले सिताफल के बीज निकाल कर अलग कर लें फिर मिक्सी में डाल कर ग्रांईड कर लें
उसके बाद दुध शक्कर डाल फिर से अच्छी तरह ग्रांईड करें इसी समय पिसे हुए काजू बादाम भी डाल दें ताकि सब अच्छी तरह मिल जाएं।
निकाल कर यदि ठंडा खाना है , तो कुछ देर फ्रीज में रख दें या ऐसे भी पी सकते हैं जब सर्व करना हो तो , कटे हुए बारीक काजू बादाम से गार्निश करें ၊
🌹🙏🏻 निशा ठाकुर मोहला 🙏🏻🌹
उपवास के साबूदान के दही बड़े
सामग्री
100 ग्राम साबूदाना
दो आलू
आधा चम्मच कालीमिर्च पावडर
सेंधा नमक स्वादानुसार
दो हरी मिर्च
अदरक का आधा इंच का टुकड़ा
एक बड़ा चम्मच मूंगफली के दाने
सिका हुआ जीरा पावडर दो छोटे चम्मच
लालमिर्च पावडर आधा चम्मच
एक कटोरी तेल या घी
आधा किलो दही
साबूदाना के दही बड़े बनाने की विधि —
सबसे पहले साबूदाना को पांच घंटे के लिए पानी में भिगो के रख देंगे|
आलू को उबाल लेंगे|
मूंगफली के दानो को सेक कर छिलके उतारकर दरदरा पिस लेंगे|
हरी मिर्च को बारीक़ काट लेंगे,अदरक को कद्दूकस कर लेंगे|
अब हम उबले हुए आलू का छिलका उतारकर एक बड़े कटोरे में आलू को हाथो से मैश कर लेंगे,भिगोये हुए साबूदाना भी मैश किये हुए आलू में डाल देंगे,अदरक,बारीक़ कटी हरी मिर्च,नमक,लालमिर्च पावडर,दरदरा पिसा हुआ मूंगफली दाना भी डाल देंगे और हाथो से मैश करके सभी सामग्री को आटा की तरह लगा लेंगे|
मैश किये हुए मिश्रण की छोटी -छोटी गोल टिकिया बना लेंगे,सारे मिश्रण की टिकिया बना का थाली में रख देंगे|
कड़ाई में तेल या घी गरम करेंगे साबूदाना के बड़ो को तलने के लिए,जब तेल गरम हो जाये तो कड़ाई में जितने भी बड़े की टिकिया आये डाल देंगे,आंच को धीमा करके सुनहरा होने तक तलेंगे|
जब एक तरफ से सुनहरा हो जाये तो पलटे से पलटकर दूसरी तरफ से सुनहरा होने तक तलेंगे,जब दोनों तरफ से सुनहरा हो जाये तो वडे को टिश्यू पेपर पर निकालकर रख देंगे ताकि सारा तेल निकल जाये|
अब हम एक कटोरी दही लेंगे दही को अच्छे से फेटकर,दही में स्वादानुसार सेंधा नमक,कालीमिर्च पावडर,सीके हुए जीरे का पावडर डालकर वडे के साथ सर्व करेंगे|आप चाहो तो हरे धनिये से भी ग्रानिस कर सकते हो|
तो तैयार हैं आपका फलाहारी साबूदाना दही बड़े ।
प्रियंका ठाकुर
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