सारे कर्मो धर्मो में तुम हो,,
जब आती हो नवराते माता..
लगता माँ आई मायके से,,
हमसे मिलने हाल पूछने..
सागरिका की बहनों में तुम,,
माताओं की मीठी वाणी..
उनकी प्यारी शिक्षा में तुम,,
करबद्ध निवेदन माँ यही है..
हम सब का यूँ ही मान बढ़े,,
जीवन में सबके सम्मान बढ़े..
करते सब माँ भक्ति से सेवा,,
सब पे माँ अपने चुनर की..
ममतामयी तुम छाया करदो।।
सागरिका परिवार की समस्त माताओं बहनों को स्त्रीशक्ति के महापर्व नवरात्रि की शुभकामनाएं....
जन्म और सद्कर्म का सुयुक्तरूप ही मानव जीवन की सच्ची सार्थकता है...
हे माता रानी हमारे मन, वचन, कर्म पर आप के आशीर्वाद से सद्भावना का सदैव वास हो, हम सभी प्रगतिपथ पर अग्रसर हों और अपनी स्त्रीत्व की गरिमा को सदैव द्विगुणित करते रहे...
समस्त सागरिका महिला सभा मंच
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