श्रीमती आराधना झा
श्रीमती विभावरी झा
श्रीमती श्रुति झा
सागिरका की पवित्र नदी मा पैरो नदी नृत्य विधा के अंतर्गत मेरा
आराधना आदित्य झा की ओर से आप सभी वडी वहनो को प्रणाम और छोटी बहनों को आशीर्वाद स्वीकार हो ।
नृत्य विदा मे रूचि रखने वाली बहनों से मेरा निवेदन है कि आप भी अपनी विविध नृत्य कला जैसे गरबा , छत्तीसगढ़ी पंजाबी आदि नृत्य की प्रस्तुति कर सकते हैं। प्रस्तुति हेतु मेरे इस मों नम्बर 9827880010 पर समपर्क कर सकते हे।
नीता झा जी से भी समपर्क कर सकते हैं। आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद के साथ यथायोग्य अभिवादन स्वीकार हो।
दछिण मे खास कर तमिलनाडू मे इसका इतिहास बहोत पुराना है,इस कला के शुरुवात का प्रमाण दूसरो शताब्दी के आसपास मिलता है,उस समय भरतनाट्यम का आयोजन विशेष धार्मिक कार्यों पर किया जाता था ।अग्रे जी हुकुमत ने 1910 मे मंदिरों पर इसे करने पर रोक लगा दी। इसके विरोध मे भारतीय लोगों ने इसे और वड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया ।
भरतनाट्यम नृत्य की एक अलग मुद्रा है।ओर इसे करने के लिये एक विशेष प्रकार का आभूषण भी धारण किया जाता है, भरतनाट्यम नृत्य कला हिन्दी फिल्मों मे भी समाहित है।
इस जानकारी प्रेषित करने हेतु मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है
सभी वडो को प्रनाम एवं छोटी को प्यार ।।
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