सागरिका की पवित्र सरिता माँ प्राणहिता श्रीमती प्रांजलि पीयूष ठाकुर विधा पोषण एवम आहार, खाद्य संरक्षण
श्रीमती दामिनी झा गोंदिया
श्रीमती दर्शना झा
श्रीमती संगीता मिश्र
श्रीमती मृदुला ठाकुर राजनांदगांव
श्रीमती आभा मिश्र
श्रीमती कात्यायनी झा
श्रीमती प्रमोदिनी झा
श्रीमती पूर्णा ठाकुर
श्रीमती प्रतीक्षा झा
खान-पान का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है खान-पान का ध्यान रखकर हम वजन को तो नियंत्रित कर ही सकते हैं साथ ही साथ बहुत सारी अनचाहे बीमारियों से भी बचाव कर सकते हैं हम अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी बीमारियों से दूर रख सकते हैं
हर एक महिला को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि कौन से सब्जियों और फलों में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन का क्या काम है और यह क्यों जरूरी है और कौन-कौन सी परिस्थिति में इनका सेवन अधिक और कम करना चाहिए l
कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है| ये दो प्रकार का होता है ।
जटिल कार्बोहाइड्रेट
सरल कार्बोहाइड्रेट
जटिल कार्बोहाइड्रेट ब्लड ग्लूकोस लेवल को नियंत्रित रखते हैं, जबकि सरल कार्बोहाइड्रेट ब्लड ग्लूकोस के लेवल को अधिक बढ़। देते हैं| इसलिए हमें जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए |
जटिल कार्बोहाइड्रेट को कॉन्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट के नाम से भी जाना जाता है | जटिल कार्बोहाइड्रेट धीमी गति से इसका पाचन होता है,और जिसकी वजह से हमें कम भूख लगती है|
जटिल कार्बोहाइड्रेट के कुछ उदाहरण
हरी सब्जियां,शकरकंद,फल,ब्राउन राइस।
सरल कार्बोहाइड्रेट को सिंपल कार्बोहाइड्रेट के नाम से भी जाना जाता है इनका पाचन तीव्र गति से होता है|
जिसकी वजह से हमें जल्दी भूख लगने लगती है|
सरल कार्बोहाइड्रेट के कुछ उदाहरण है।
,आलू,कोल्ड ड्रिंक ,वाइट ब्रेड,वाइट राइस
प्रांँजलि ठाकुर
आज की बदलती दुनिया में हम तरक्की तो कर रहे हैं पर साथ ही साथ हम हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
बहुत सारी खानपान की चीजें बाजार में उपलब्ध है और रोज ही नए नए प्रोडक्ट मार्केट में आ रहे हैं।कुछ रिफाइंड होते है , कुछ अन् रिफाइंड होते हैं। ऐसे में समझ नहीं आता है ,कि कौन सा प्रोडक्ट हमारे लिए उपयोगी
और कौन सा हानिकारक है।
आइये इसे समझने की कोशिश करते हैं-
जब भी हम मार्केट जाते हैं,और खान-पान का सामान लेते हैं तो हमें एक चीज का ध्यान जरूर रखना चाहिए । प्रोडक्ट की न्यूट्रिशन वैल्यू क्या है , चाहे वह कोई भी प्रोडक्ट हो हर प्रोडक्ट के पीछे,न्यूट्रीशन वैल्यू दी जाती है।
न्यूट्रिशन वैल्यूक्या होती है यह जानते हैं -
जब भी हम किसी प्रोडक्ट की न्यूट्रीशन वैल्यू देखते हैं
तो हमें यह पता चलता है कि 100 ग्राम उस प्रोडक्ट का उपयोग करने से हमें उस प्रोडक्ट से
कितनी कैलोरी मिलती है।
उसमें कितना कार्बोहाइड्रेट है, कितना प्रोटीन है
उस में कितने विटामिन हैं और कौन-कौन विटामिन हैं ।
उस प्रोडक्ट में शक्कर की मात्रा कितनी है,नमक की मात्रा कितनी है , उस प्रोडक्ट मे कितना फैट है। इन सब को मिलाकर उससे हमें कितनी कैलोरी प्राप्त हो रही है
यही वह कैलोरी है जो देख कर हम अपने भोजन को संतुलित आहार बना सकते है।
अगर हम इन छोटी छोटी बातों पर गौर करें , तो हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं ,हम कैलोरी इनटेक के अंदर रह सकते है । अनचाही बीमारियों से भी बच सकते हैं।
सागरिका की पवित्र नदी माँ प्राणहिता श्रीमती प्रांजलि पीयूष ठाकुर
एरोबिक फिटनेस प्रशिक्षक,
पोषण और आहार विशेषज्ञ...
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