सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिउतिया की पूजन विधि और कथा - श्रीमती आशा ठाकुर,

🙏🙏श्री गणेशाय नमः  ,, ज्युतिया ,, यह त्यौहार क्वांर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी को अपने बच्चे की दीर्घायु , तेजस्वी , और स्वस्थ होने की कामना करते हुए माताएं इस दिन निर्जला व्रत करती है। विधि ज्युतिया के पहले दिन किचन शाम को साफ सुथरा कर पितरों के लिए भोजन बनाया जाता है।  शाम को तरोई या कुम्हड़ा के पत्ते पर  पितराईन को दिया जाता है। उसके पहले चिल , सियारिन , जुट वाहन , कपूर बती , सुहाग बती , पाखर का झाड़ , को सभी चींजे खाने का बना हुआ रहता है। फल मिठाई दूध , दही , घी शक्कर मिला कर (मिक्स ) करके ओडगन दिया जाता है। तत् पश्चात जो इस दुनिया में नही है। उन पितराईन के नाम लेकर उस पत्ते पर रख कर उन्हें दिया जाता है। नाम लेकर   *दूसरे दिन* सुबह स्नान कर प्रसाद बनाए अठवाई , बिना नमक का बड़ा  शाम के समय पूजा करें   *पूजा की तैयारी*  चंदन , रोरी कुमकुम गुलाल , फूल , दूबी , अक्षत , तिल , कपूर आरती , घूप दीप  भीगा मटर , खीरा या फिर केला ज्युतिया लपेटने के लिए  गौर साठ का डिब्बा  गौरी गणेश कलश  चौक पूरे , गौरी ...
भोजन सादा और पाच्य  होना चाहिये लहसुन प्याज नही डालना चाहिये सब्जी में मिर्च का ६ौक नही देना चाहिये यदि मिर्च डालना है तो सबसे पहले  जिरा के ६ौक लगाये फिर सब्जी डाले और एक मिनट बाद हरि मिर्च डाल दे तो मिर्च का ६ौक नही होगा

हरितालिका व्रत पूजन विधि - श्रीमती आशा ठाकुर सागरिका

श्री गणेशाय नमः   *हरतालिका व्रत पूजा विधि  चौकी या पाटा शिव पार्वती की प्रतिमा रखने के लिए  कांसे या तांबे की थाली , केला पत्ता अथवा बेल पत्ता अगर केला पत्ता उपलब्ध नही है। तो दोनों में किसी एक को मूर्ति बनाते समय थाली के नीचे रखकर बालु की मूर्ति बनाए   *मूर्ति बनाने की विधि* सर्व प्रथम बालु को महिन छान लेवें  तत्पश्चात बालु में थोड़ा सा गंगा जल , शहद , बेसन , कच्चा दूध मिलाकर बालु से शिव जी एवं माता पार्वती जी का मूर्ति बनाए  चौकी या पाटा के नीचे अष्टदल चौक एवं कलश रखने के लिए फूल गौड़ा चौक बनाए फिर सिन्दूर लगा कर चौक में उसके ऊपर थाली रख देवें फूल गौड़ा चौक के ऊपर नीचे थोड़ा चांवल डालकर कलश रखें  तैयारी परात या थाली में इस प्रकार रखें  चंदन , रोरी , कुमकुम , गुलाल , मौली धागा , जनेऊ एक जोड़ी शंकर जी एवं गणेश जी को चढ़ाने के लिए  नारियल दो  फूल , फूल माला एवं दूबी , बेल पत्र ,इंत्र , सुहाग का समान , वस्त्र , पान का पता , इलाची लौक , सुपारी भगवान को अर्पित करने के लिए  धूप दीप , अगरबत्ती , कपूर , माचिस घी , दीपक आरती करने...