सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जुलाई, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मधुश्रावणी व्रत २०२३ - सागरिका महिला मंच

श्री महालक्ष्मी व्रत कथा🪷🪷 एक समय महर्षि द्पायन व्यास जी हस्तिनापुर आए उनका आगमन सुनकर राजरानी गांधारी सहित माता कुंती ने उनका स्वागत किया अर्द्ध पाद्य आगमन से सेवा कर व्यास जी के स्वस्थ चित् होने पर राजरानी गांधारी ने माता कुंती सहित हाथ जोड़कर व्यास जी से कहा, है महात्मा हमें कोई ऐसा उत्तम व्रत अथवा पूजन बताइए जिससे हमारी राजलक्ष्मी सदा स्थिर होकर सुख प्रदान करें, गांधारी जी की बात सुनकर व्यास जी ने कहा, हे देवी मैं आपको एक ऐसा उत्तम व्रत बतलाता हूं जिससे आपकी राजलक्ष्मी पुत्र पौत्र आदि सुख संपन्न रहेंगे। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को स्नान आदि से निवृत हो शुद्ध वस्त्र धारण कर महालक्ष्मी जी को ताजी दूर्वा से जल का तर्पण देकर प्रणाम करें, प्रतिदिन 16 दुर्वा की गांठ, और श्वेत पुष्प चढ़कर पूजन करें, १६धागों का एक गंडां बनाकर रखें पूजन के पश्चात प्रतिदिन एक गांठ लगानी चाहिए, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माटी के हाथी पर लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित कर विधिवत पूजन करें ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर संतुष्ट करें इस प्रकार पूजन करने से आपकी राजलक्ष्मी पुत्र पौत्र...