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वर विवाह पद्धति श्रीमती आशा ठाकुर अम्लेखर - सागरिका

[ 03/01, 4:43 pm] Asha Didi: पितर न्यौतने की विधि  परई में पांच मिट्टी का ठेला रखें उसकी पूजा करें सफेद चंदन सफेद फूल सफेद अक्षत चढ़ाए  जितने पितर आपके है ससुराल और मंयका का तीन पिढ़ी सभी को जल और सफेद अक्षत लेकर बुलाए  पितर बुलाने का मंत्र  धोयल चांवल लै न्यौता पढ़ाए उन सभी का नाम ले कर उन्हें बुलाए जितने बार आप पितर को बुलाएगे उतने बार आप हाथ में जल और अक्षत फूल ले कर इस मंत्र के द्वारा बुलाए उसके बाद उस परई को आटा से बंद कर सफेद धागा से चारों तरफ लपेट के पूजा करें  उसके बाद उसे कांसे के थाली में रखकर ले कर घर में लाए दरवाजा के पास पानी उतारे परछन करें फिर उसे पवित्र स्थान पर रख देवें [03/01, 4:48 pm] Asha Didi: देवतैला जाना अर्थात् पांच मंदिर जाना है सीधा रखना है।  चांवल दाल नमक आलु आदि अपने सामर्थ के अनुसार देवी मंदिर में  शृंगार का समान चढ़ावे और कम से कम इक्कीस रुपया सभी पांच मंदिर में चढ़ावें किसी एक मंदिर में साड़ी चढ़ावें और  शृंगार का समान चढ़ाए  पांच दोना में पीसा हुआ हल्दी लेकर जावे वहा पर पूजा कर  माता को हल्दी चढ़ाकर हल्दी का दोना वापस ले आवें [03/01, 5:00 pm] Asha Didi:
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कन्या विवाह पद्धति - श्रीमती आशा ठाकुर अम्लेश्वर - सागरिका

चुनमाट्टी की तैयारी  सर्व प्रथम घर के अंदर  हाल या रूम के अंदर  फूल गौड़ा चौक बनाए  सिन्दूर टिक देवें उसके ऊपर सील बट्टा रखें   उसमें हल्दी खडी डाले खल बट्टा में चना डाले सर्व प्रथम मां गौरी गणेश की पूजा करें उसके बाद सुहासीन के द्वारा हल्दी और चना कुटे  सबसे पहले जीतने सुहागिन रहते है उन्हों ओली में चावल हल्दी सुपाड़ी डाले सिन्दूर लगाये  गुड और चावल देवें  और हल्दी और चना को पीसे सील के चारों तरफ पान का पत्ता रखें हल्दी सुपाड़ी डालें  पान का सात पत्ता रखें  पूजा की तैयारी  गौरी गणेश की पूजा  चंदन , रोरी ' कुमकुम ' गुलाल जनेऊ नारियल चढ़ाए फूल या फूल माला चढ़ाए दूबी . भोग अरती घूप अगर बत्ती वस्त्र मौली घागा वस्त्र के रूप में चढ़ा सकते है ये घर की अंदर की पूजा विधि चुलमाट्टी जाने के पहले की है। चुलमाट्टी से आ कर घर में पूजा और चंदन चढ़ाना  चंदन चढ़ाने की जगह पर फूल गौड़ा चौक डाले गौरी गणेश और लड़की की बैठने के लिए ये सब कार्य चुनमाटी में जाने के पूर्व कर लेवें आके सीधा गौरी गणेश और कलश की सर्व प्रथम पूजा करें और उसे चंदन चढ़ाए फिर लड़की को सात बार आम की पत्ते से चंदन लगाए  सुहानी

जिउतिया की पूजन विधि और कथा - श्रीमती आशा ठाकुर,

🙏🙏श्री गणेशाय नमः  ,, ज्युतिया ,, यह त्यौहार क्वांर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी को अपने बच्चे की दीर्घायु , तेजस्वी , और स्वस्थ होने की कामना करते हुए माताएं इस दिन निर्जला व्रत करती है। विधि ज्युतिया के पहले दिन किचन शाम को साफ सुथरा कर पितरों के लिए भोजन बनाया जाता है।  शाम को तरोई या कुम्हड़ा के पत्ते पर  पितराईन को दिया जाता है। उसके पहले चिल , सियारिन , जुट वाहन , कपूर बती , सुहाग बती , पाखर का झाड़ , को सभी चींजे खाने का बना हुआ रहता है। फल मिठाई दूध , दही , घी शक्कर मिला कर (मिक्स ) करके ओडगन दिया जाता है। तत् पश्चात जो इस दुनिया में नही है। उन पितराईन के नाम लेकर उस पत्ते पर रख कर उन्हें दिया जाता है। नाम लेकर   *दूसरे दिन* सुबह स्नान कर प्रसाद बनाए अठवाई , बिना नमक का बड़ा  शाम के समय पूजा करें   *पूजा की तैयारी*  चंदन , रोरी कुमकुम गुलाल , फूल , दूबी , अक्षत , तिल , कपूर आरती , घूप दीप  भीगा मटर , खीरा या फिर केला ज्युतिया लपेटने के लिए  गौर साठ का डिब्बा  गौरी गणेश कलश  चौक पूरे , गौरी गणेश कलश और ज्यूत वाहन पूजा के लिए  पाटा रखें उसके उपर रेहन से
भोजन सादा और पाच्य  होना चाहिये लहसुन प्याज नही डालना चाहिये सब्जी में मिर्च का ६ौक नही देना चाहिये यदि मिर्च डालना है तो सबसे पहले  जिरा के ६ौक लगाये फिर सब्जी डाले और एक मिनट बाद हरि मिर्च डाल दे तो मिर्च का ६ौक नही होगा

हरितालिका व्रत पूजन विधि - श्रीमती आशा ठाकुर सागरिका

श्री गणेशाय नमः   *हरतालिका व्रत पूजा विधि  चौकी या पाटा शिव पार्वती की प्रतिमा रखने के लिए  कांसे या तांबे की थाली , केला पत्ता अथवा बेल पत्ता अगर केला पत्ता उपलब्ध नही है। तो दोनों में किसी एक को मूर्ति बनाते समय थाली के नीचे रखकर बालु की मूर्ति बनाए   *मूर्ति बनाने की विधि* सर्व प्रथम बालु को महिन छान लेवें  तत्पश्चात बालु में थोड़ा सा गंगा जल , शहद , बेसन , कच्चा दूध मिलाकर बालु से शिव जी एवं माता पार्वती जी का मूर्ति बनाए  चौकी या पाटा के नीचे अष्टदल चौक एवं कलश रखने के लिए फूल गौड़ा चौक बनाए फिर सिन्दूर लगा कर चौक में उसके ऊपर थाली रख देवें फूल गौड़ा चौक के ऊपर नीचे थोड़ा चांवल डालकर कलश रखें  तैयारी परात या थाली में इस प्रकार रखें  चंदन , रोरी , कुमकुम , गुलाल , मौली धागा , जनेऊ एक जोड़ी शंकर जी एवं गणेश जी को चढ़ाने के लिए  नारियल दो  फूल , फूल माला एवं दूबी , बेल पत्र ,इंत्र , सुहाग का समान , वस्त्र , पान का पता , इलाची लौक , सुपारी भगवान को अर्पित करने के लिए  धूप दीप , अगरबत्ती , कपूर , माचिस घी , दीपक आरती करने के लिए ,तेल भी चल सकता है। आसन बैठने के लिए  जल , दूध , दही , श
श्री गणेशाय नमः  बहुला चौथ की पूजा विधि कहानी  सभी देवी देवताओं की पूजा इस मंत्र के द्वारा कर सकते है। महिलाए ऊं की जगह नमो उच्चारण करें  पूजा करते वक्त ॐ (  नमो ) भूभुर्व  स्व :  श्री:  - देव या ( देवी का ) नाम लगावें -  ॐ ( नमो ) भूर्भवः स्व श्री - देव या देवी का नाम लेकर मंत्र का उच्चारण करें इहागच्छ इहतिष्ठ इंद पुष्पा सनम् ।  इंद पाद्मम् । इंद अर्ध्य । इदमाचीयम् ।  इदं स्नानं ।  इंद पश्चामृत स्नानं ।  इदं शुद्धोदकं ।  इदं यज्ञोपवीतं '  जिस देवता को जो चढ़ता है। उसको उसी तरह चाढे जैसे देवता में स्नान कराने के बाद हम चंदन रोरी कुमकुम गुलाल जनेऊ चढ़ाते है। तो ऐसा मंत्र कहे जैसे यज्ञोपवीतं चंदन आदि चढ़ाने का मंत्र जैसे बोलते वैसे ही बोलकर चढ़ाए देवता में चुड़ी सुहाग का समान नही चढ़ता  यह सिर्फ देवी में चढ़ता है। तो इसे इस तरह से बोले  ( चूड़ी , सिन्दूर , गहना ) इमानि सिन्दुरा भरणानि ।  चन्दन इदम मनुलेप नं । इदं दूर्वादल म् । ( दूबी चढ़ाने का मंत्र है । )  एतानि तुलसी पत्राणी ।  इदं पुष्प माल्यं  एवं घूपः , दीपः, प्रसाद एतानि नानाविधि पकातन्ना दीनि, आचमन - इद माचनीयम् ,एतानी फलानि ,

विवाह तैयारी - श्रीमती आशा ठाकुर सागरिका

श्री गणेशाय नमः  विवाह सामग्री ।  हल्दी , सुपारी , बडी सुपारी पांच , सिंदुर , चंदन , गुलाल , अगरबत्ती ,  फूल बत्ती , गुड़ , सील बट्टा , खल बट्टा, पान पत्ता , फूल , माला , दूबी , प्रसाद , पील कपड़ा , सब्बल , नारियल ,   धोती , साड़ी , पीढ़ा , मूंगफली , बताशा , आम पत्ता , आम डंगाली  पत्ता सहीत , रेत , सिक्का , सात टोकनी ,  पर्रा , सूपा , चार बांस , चार मिट्टी का कलश ढक्कन सहीत , एक काला हांडी , एक टोटी वाला कलश , तेल मौरी , तोरण , पीसी हुई हल्दी ,   चार परई एक एक साईज का , मौली धागा , कच्चा सफेस धागा ,  लाल रेशम धागा , वर को नापने के लिये , जीरा , सरसो ,  सेर सीधा का सामन , चुड़ी , सिंदुर ' अदरक , मटर , नीबु ,  तिल का लडडु साठ , पुरी , बड़ा , साठ , मीठाई, कपूर , हवन की लकडी , लाई, शहद , घी , दोना पत्तल ,  सारा जावर के लिये , एक पान दान  , एक गिलास , दो जोड़ी धोती , जोड जनेऊ , एक जनेऊ का  बंडल , रेशम का धागा चालीस फीट लगभग लम्बी , मथानी ,  कांस की कटोरी तीन , माचिश , परात थाली , पीढ़ा कमसे कम तीन , गठबंधन की धोती , सील ,  दही , खडी सुपारी , एक पाव , खड़ी हल्दी एक पाव , फूल दुबी आम पत्त